चीन नहीं, हिमाचल में तैयार होगा दवाइयों का सॉल्ट, खुलेगा देश का पहला एपीआई उद्योग

नालागढ़ के पलासड़ा में सरकार ने नया औद्योगिक क्षेत्र खोला है। यहां पर 576 बीघा 12 विस्वा जमीन उद्योग विभाग के नाम कर दी है। जमीन नाम होते ही यहां पर बड़े-बड़े औद्योगिक घराने आने शुरू हो गए हैं। 

नालागढ़ के पलासड़ा में एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) उद्योग स्थापित होगा। इस उद्योग के स्थापित होने के बाद दवाइयों का सॉल्ट चीन नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में ही तैयार हो सकेगा। यह देश का पहला एपीआई उद्योग होगा। गुजरात के उद्योगपति ने जमीन के लिए आवेदन किया था, जिस पर उद्योग विभाग ने उन्हें 342 बीघा जमीन की प्रोविजनल अलाटमेंट कर दी है। 850 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से दो हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।

देश का यह पहला उद्योग होगा, जिसमें एंटीबायटिक दवाइयों का सॉल्ट तैयार होगा और प्रदेश का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। अभी तक दवा उद्योग के लिए कच्चा माल चीन से आता था, लेकिन अब यहां पर एपीआई उद्योग खुलने से जहां बीबीएन के दवा निर्माताओं को सीधा लाभ होगा, वहीं देश के अन्य दवा निर्माता कंपनियों को भी बाहर से कच्चा माल नहीं मंगवाना पड़ेगा।

नालागढ़ के पलासड़ा में सरकार ने नया औद्योगिक क्षेत्र खोला है। यहां पर 576 बीघा 12 विस्वा जमीन उद्योग विभाग के नाम कर दी है। जमीन नाम होते ही यहां पर बड़े-बड़े औद्योगिक घराने आने शुरू हो गए हैं। बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है। पूरे प्रदेश में 750 फार्मा इकाइयां हैं, जिन्हें कच्चा माल दूसरे देशों से मंगवाना पड़ रहा है। अगर यहां पर दवा कंपनियों के लिए कच्चे माल का उद्योग खुल जाता है, तो एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी की दवा कंपनियों को सबसे फायदा होगा। देश की 30 फीसदी दवाओं का उत्पादन हिमाचल प्रदेश में होता है।

पहले पंजाब में लगाने की थी योजना

उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक टीआर शर्मा ने बताया कि पहले यह उद्योग पंजाब में लगने जा रहा था। वहां पर जमीन का सौदा भी हो गया था, लेकिन प्रदेश सरकार की सरल औद्योगिकीकरण नीति के चलते यह अब लगने जा रहा है। अभी इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर बातचीत चल रही है। जल्द इस पर अंतिम मोहर लग जाएगी।


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