चाय का स्वाद बढ़ाने के अलावा सर्दी-जुकाम और जोड़ों के दर्द से भी आराम दिलाता है अदरक

अदरक में मौजूद जिंजरोल नामक सत्व जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द को कम करता है। गठिया रोग की शुरुआती में ही अदरक का सेवन शुरु कर देना चाहिए। मांसपेशियों और जोड़ों की सूजन भी कम होती है।

अदरक पाचक अग्नि को भड़काता है, जिससे भूख लगती है। भोजन से पहले अदरक के टुकड़ों पर नमक छिड़ककर खाने से लार का स्र‍ाव बढ़ता है, ‌जिससे पाचन में मदद मिलती है। इतना ही नहीं अदरक शरीर के लिए ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स के अवशोषण को प्रोत्साहित करता है।भोजन के बाद अदरक की चाय पीने से पेट फूलने, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। पेट में मरोड़ आने जैसी समस्या भी दूर होती है। फ़ूड पॉइजनिंग की स्थिति में भी अदरक से फायदा होता है।


अदरक इम्यूनिटी सिस्टम को मज़बूत करता है, जिससे सर्दी-खांसी तथा फ़्लू जैसी आम समस्याएं परेशान नहीं करतीं। खांसी, गले की खराश और ब्रोंकाइटिस में यह बेहद असरकारी है। सर्दी-खांसी और फ़्लू शहद के साथ अदरक खाना या अदरक वाली चाय पीना हमारे देश का एक बेहद लोकप्रिय तथा प्राचीन नुस्ख़ा है।


अदरक डायबिटीज़ से पीड़ित व्यक्ति के लिवर, किडनी और सेंट्रल नर्वस सिस्टम को सुरक्षित रखता है। इसके अलावा नियमित रूप से अदरक का सेवन करने से मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति की आंखें भी स्वस्थ रहती हैं।


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