दिल्ली से 470 किमी दूर है धर्मशाला, इस वीकएंड करिये इस खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट की सैर

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है. जहां देश-विदेश से अच्छे खासे तादाद में पर्यटक आते हैं. यह टूरिस्ट स्पॉट कांगड़ा जिले में है. इसे दलाई लामा का निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है.

धर्मशाला हिमाचल प्रदेश का प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है. जहां देश-विदेश से अच्छे खासे तादाद में पर्यटक आते हैं. यह टूरिस्ट स्पॉट कांगड़ा जिले में है. इसे दलाई लामा का निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है. यहां से सैलानी कांगड़ा घाटी और धौलाधार रेंज के मनोरम दृश्य देख सकते हैं. यह पर्यटक स्थल देश के प्रमुख हवाई हड्डों, बसों और ट्रेनों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई है. यहां से 15 किमी की दूरी पर कांगड़ा हवाई अड्डा है जबकि ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन है. जिसकी दूरी यहां से 85 किमी है. इसके अलावा धर्मशाला सड़क मार्ग से भी देशे के प्रमुख शहरों एवं राज्यों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.

इस हिल स्टेशन में टूरिस्ट कई जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं. अगर आप धर्मशाला जा रहे हैं, तो वार मेमोरियल (युद्ध स्मारक) जरूर देखें. देवदार के जंगलों में स्थित यह स्मारक शहर के पास है. इसे अंग्रेजों ने बनवाया था. धर्मशाला के प्रवेश बिंदु पर यह स्मारक उन लोगों की याददाश्त में बनाया हुआ है, जिन्होंने लड़ाई लड़ी थी. यहां सैलानी भागसुनाग मंदिर भी देख सकते हैं. यह मंदिर उतना ही पुराना है जितना डल झील है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसकी उत्पत्ति दैत्य राजा भागसु और नागों के देवता (नागराज) के बीच एक विशाल लड़ाई से हुई थी.

धर्मशाला में आपको तिब्बती संस्कृति देखने को मिलेगी. यहां आप तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट भी जा सकते हैं. यहां पारंपरिक शैली में नाटक की प्रस्तुति की जाती है. इसके अलावा यहां नामग्यालमा स्तूप भी घूम सकते हैं जो कि मैक्लॉडगंज के बेहद करीब स्थित है. इसका निर्माण उन तिब्बती सैनिकों के सम्मान में करवाया गया था, जिनकी मौत तिब्बती स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी. यह संरचना तीसरी शताब्दी के दौरान राजा अशोक द्वारा निर्मित संरचना की तरह दिखती है.

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