हिमाचल में भारी बारिश, ओलावृष्टि और हिमपात, 201 सड़कें बंद

रोहतांग दर्रे में भी दो फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है. अटल टनल के दोनों छोर पर बर्फबारी के चलते मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है. मनाली लेह-मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है.

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में अप्रैल महीने में बारिश और बर्फबारी (Snowfall and Rain) के चलते दिंसबर जैसा एहसास हो रहा है. बीते दो दिन से लगातार प्रदेश में बारिश और बर्फबारी हुई है. आलम यह है कि ठंड दोबारा लौट आई है. बारिश और बर्फबारी के चलते तापमान 5 डिग्री तक लुढ़का है. अभी 24 अप्रैल तक राज्य में मौसम (Weather) का मिजाज खराब बने रहने का पूर्वानुमान है. भारी हिमपात और बारिश के चलते सूबे में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. बीती रात प्रदेश भर में लगातार बारिश होती रही और आंधी-तूफान चलता रहा. शिमला (Shimla) शहर और जिले के अन्‍य हिस्‍सों में बड़ी मात्रा में ओले गिरे हैं. इससे सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है.

दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमाचल में फिर से शीतलहर लौट आई है. हिमाचल के केलांग, कल्पा, कोठी में ताजा हिमपात हुआ है. वहीं, जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति में भी लगातार बर्फबारी का क्रम जारी है. लाहौल में एचआरटीसी ने भी बस सेवाएं रोक दी हैं. मनाली-लेह मार्ग एक बार फिर से वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गया है. इसके अलावा कुल्लू के आनी में भी जलोड़ी दर्रे पर बर्फबारी के चलते वाहनों की आवाजाही थम गई है. सूबे में कुल 201 छोटी-बड़ी सड़कें बंद हैं.

चंबा में लैंडस्लाइड

बारिश के चलते किन्नौर में पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई है. वहीं, चंबा में जोत मार्ग पर भनेरा मंगला पर पहाड़ी से कार पर बड़े-बड़े पत्थर गिर गए. गनीमत यह रही कि कार सवार दो लोग बाल-बाल बच गए और कार क्षतिग्रस्त हो गई. कई जगह पेड़ गिरने की सूचनाएं हैं. वहीं, लाहौल स्पीति में बर्फबारी के चलते 177 छोटी बड़ी सड़कें बंद हैं. लाहौल में भारी हिमपात हुआ है.


अटल टनल को बंद किया

रोहतांग दर्रे में भी दो फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है. अटल टनल के दोनों छोर पर बर्फबारी के चलते मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए फिलहाल बंद कर दिया गया है. मनाली लेह-मार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है. किन्नौर में कल्पा, छितकुल, रकच्छम, हंगरनग घाटी, भावा घाटी, आसरंग, लिप्पा में 4 से 6 इंच तक बर्फबारी हुई है. केलांग में 12 सेमी, कल्पा में 11 सेमी और कोठी में तीन सेमी बर्फबारी रिकार्ड की गई है.

21 अप्रैल को चंबा के डलहौजी में सबसे अधिक 38 एमएम बारिश हुई है. इसके अलावा पालमपुर में 14 और धर्मशाला में 19 एमएम बादल बरसे हैं. मंडी और कांगड़ा में 10 और 11 एमएम पानी बरसा है. वहीं, प्रशासन ने लोगों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है. बता दें कि हिमाचल में 23 अप्रैल तक मौसम खराब रहेगा और 24 को मौसम साफ रहने का अनुमान है.

फसल को नुकसान

हिमाचल प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि से सेब की फसल को नुकसान पहुंचा है. इस दौरान सेब की सेटिंग और फ्लावरिंग हो रही थी, लेकिन ओले गिरने से फुल झड़े हैं. वहीं, गेंहू की फसल को भी नुकसान पहुंचा है, क्योंकि कांगड़ा समेत मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल पक कर तैयार है. हालांकि, सूखे से जूझ रहे हिमाचल के लिए बारिश और बर्फबारी किसी संजीवनी से कम नहीं है.



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